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अंकों का खेल भी अजीब होता है जब मनुष्य का जन्म होता है तो उस तारीख में अंक ज्योतिष के अनुसार मूलांक एवं भाग्यांक छुपें होतें हैं उन्हीं के आधार पर ही व्यक्ति के भाग्य का निर्माण होता है। आज हम मूलांक चार (4) का विचार करेंगे ! क्योंकि चार अंक का स्वामी राहु है । जो हमेशा दोनों प्रकार से सोचता है। जब यह अपनी सकारात्मक सोच से कार्य करते हैं तो अच्छी उन्नति अर्जित करते हैं परन्तु जब यह नकारात्मक ऊर्जा जागृत करते हैं तो हर बूरे से बूरा कार्य करने में संकोच नहीं करते। यह बड़े मेहनती होते हैं इसलिए जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं।इन्हें पराजित होना पसन्द नहीं इसलिए यह जीतने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। यह जीत-हार, लाभ-हानि आदि का विचार किये बिना ही कार्य करते हैं। आज हम विचार करेंगे कि चार अंक वाले व्यक्ति का स्वभाव, शिक्षा, कारोबार, नौकरी, वैवाहिक एवं सुख समृद्धि कैसी होती है।
स्वभाव एवं स्वास्थ्य:- अंक ज्योतिष के अनुसार चार अंक का स्वामी राहु होने से स्वभाव उग्र होता है। यह जिद्दी होने के कारण कई बार अपना काम बिगाड़ लेते हैं। स्वतंत्र विचार एवं स्पष्टवादी होने से हर काम निडर होकर करते हैं। इन में सोचने की शक्ति ज्यादा होने के कारण प्रत्येक फैसला शीघ्र ले लेते हैं। जब यह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होते हैं तो अच्छी उन्नति प्राप्त करते हैं और शारीरिक सुख भी उत्तम प्राप्त करते हैं। उच्चाभिलाषी होने से अच्छा स्थान प्राप्त करने में सक्षम होते हैं परन्तु जब इन पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आता है तो मानसिक पीड़ा से युक्त हो कर दूसरों के लिए सिरदर्द बन जातें हैं। यह जीवन में संघर्ष अधिक करते हैं। इन्हें खाना पीना और घूमना फिरना भी पसंद होता है। मित्र अधिक होने से जीवन में उन्नति करते हैं।
सम्पत्ति एवं कारोबार:- मूलांक चार वाले व्यक्ति अधिक मेहनती होते हैं इसलिए अपने बलबूते पर अपनी जमीन जायदाद एवं मकान खरीदते हैं। इनकी पढ़ाई में कम रुचि होती है। बारंबार विघ्न आने पर भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं। यह पराधीनता स्वीकार नहीं करते इसलिए संघर्षमय जीवन यापन करते हैं। परन्तु इन्हें अकस्मात धन की प्राप्ति होती हैं। कारोबार प्रारम्भ में कमजोर होता है परन्तु यह अपनी सकारात्मक सोच एवं परिश्रम से उच्च क्वालिटी का बना लेते हैं। इन्हें बारंबार कारोबार बदलना पड़ता है। अधिकतर दो नंबर के कारोबार में सफलता पाते हैं। शेयर बाजार, कमिशन एजेंट, सट्टा बाजार , या उच्च स्तरीय कारोबार में अधिक कामयाब होते हैं। क्रोध शीघ्र आने से अपने कारोबार को बिगाड़ लेते हैं। यह किसी से पैसा उधार नहीं लेते अगर उधार ले भी लिया तो वापिस बड़ी मुश्किल से होता है। राहु के कारण उग्रता गिरावट की और ले जातीं हैं। नौकरी इन्हें कम पसंद है फिर भी अगर नौकरी करनी पड़ जाएं तो बड़ी ईमानदारी से करते हैं। उलझनें आने के बावजूद भी काम बीच मे नहीं छोड़ते।
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वैवाहिक जीवन एवं सुख:- चार अंक वाले अधिकांश शंकालु ( संदेह्वान ) होते हैं वह प्रत्येक व्यक्ति पर शंका करते हैं इसलिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अपने जीवन साथी पर भी वेकार में ही शंका करते हैं फलस्वरूप वैवाहिक जीवन में उलझनें आने से आपसी संबंध बिगड़ने लगता है। धीरे धीरे यह वैवाहिक जीवन के सुख को खा जाता है। चार अंक वाले का वैवाहिक जीवन ज्यादा अच्छा नहीं होता। इन्हें अपने स्वभाव को बदलना होगा क्रोध,उत्तेजना एवं शंका का त्याग करना होगा तभी यह वैवाहिक जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। राहु मानसिक ऊर्जा का धनी है जब ऊर्जा सकारात्मक होती है तो यह अच्छी उन्नति अर्जित करते हैं परन्तु जब नकारात्मक ऊर्जा जागृत हो जाती है तो यह न तो सुख पातें है अपितु सर्वस्व नष्ट कर लेते हैं। उलझनें आने से जीवन सुख उथल-पुथल हो जाता है। अतः सुख का नाश हो जाता है। राहु उग्र प्रवृत्ति का होने से कई बार सफल वैवाहिक जीवन एवं सुख समृद्धि में वृद्धि करने में सक्षम होता है। अतः व्यक्ति को संयमी, सदाचारी और स्थिर हो कर चलने से सभी सुखों मिलते हैं।
सारांश :- हम कह सकते हैं कि अगर आपके राहु नकारात्मक ऊर्जा लेकर आ रहा है तो आपको राहु का रत्न धारण करना चाहिए और साथ ही राहु का जाप एवं दान करना चाहिए जिससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का उदय हो और आपका जीवन सुखमय यापन होगा ! अधिक जानकारी के लिए आप किसी योग्य ब्राह्मण से अथवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं !