Kundli Yog
वैदिक ज्योतिष में कई प्रकार के योग वर्णित हैं, जिनमें कुछ जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के द्वार खोलते हैं। इन्हीं में एक अत्यंत विशेष योग है – नीच भंग राजयोग। यह योग तब बनता है जब जन्म कुंडली में कोई ग्रह नीच राशि में हो लेकिन उसकी नीचता किसी कारणवश भंग हो जाए। यह योग न केवल उस ग्रह की कमजोरी को हटाता है, बल्कि जातक को अत्यंत उच्च पद, यश और धन की प्राप्ति भी करवा सकता है।
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नीच भंग राजयोग कैसे बनता है?
* नीच भंग राजयोग बनने के लिए निम्नलिखित स्थितियाँ हो सकती हैं: *
1. नीच ग्रह के साथ उच्च का ग्रह स्थित हो।
2. नीच ग्रह की दृष्टि उसकी उच्च राशि पर हो।
3. नीच ग्रह की युति उसके उच्च स्वामी से हो।
4. नीच ग्रह केंद्र (1, 4, 7, 10) में हो और उसका स्वामी भी केंद्र या त्रिकोण में हो।
5. नीच ग्रह का स्वामी लग्नेश से संबंध रखता हो।
* इनमें से कोई एक या एक से अधिक स्थितियाँ मिलने पर नीच ग्रह की नीचता भंग हो जाती है और वह जातक को राजयोग देने लगता है। *
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नीच भंग राजयोग के प्रभाव
* नीच भंग राजयोग यह दर्शाता है कि व्यक्ति ने अपने जीवन में विषम परिस्थितियों को पार करते हुए, आत्मबल और नियति के सहारे सफलता प्राप्त की है। *
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कुछ प्रसिद्ध उदाहरण
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प्रश्नोत्तर (Q&A)
प्रश्न 1: नीच ग्रह हमेशा अशुभ फल ही देते हैं क्या?
उत्तर: नहीं, यदि नीच ग्रह नीच भंग राजयोग बना रहे हों तो वे अत्यंत शुभ फल भी दे सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या हर किसी की कुंडली में यह योग फलित होता है?
उत्तर: नहीं, यह योग तभी फलित होता है जब दशा, अंतरदशा और ग्रह की स्थिति इसे समर्थन दें।
प्रश्न 3: क्या नीच भंग राजयोग जीवनभर सक्रिय रहता है?
उत्तर: यह योग विशेष दशाओं में ही सक्रिय होता है। इसके प्रभाव का समय सीमित हो सकता है, लेकिन गहरा होता है।
प्रश्न 4: क्या नीच भंग राजयोग को जागृत करने के लिए कोई उपाय हैं?
उत्तर: हाँ, वैदिक उपाय, ग्रहों की शांति और कर्म सुधार के द्वारा इस योग के प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न 5: क्या यह योग विदेशी यात्रा या राजनीति में भी मदद करता है?
उत्तर: बिल्कुल, यह योग उच्च पद, मान-सम्मान और विदेश यात्रा के अवसर प्रदान कर सकता है।
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सारांश
नीच भंग राजयोग यह दर्शाता है कि जब जीवन में ग्रह कमजोर हों, तब भी नियति आपको ऊँचाइयों पर पहुँचा सकती है। यह योग संघर्ष से सफलता तक की यात्रा का प्रतीक है। यदि आपकी कुंडली में यह योग है, तो समझ लीजिए कि विपत्ति ही आपके लिए अवसर का द्वार खोलने वाली है।
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हमारे बारे में:
यह लेख भृगु ज्योतिष अनुसंधान केंद्र द्वारा प्रस्तुत है। हमारे प्रमुख विद्वान आचार्य कृष्ण कुमार शास्त्री जी विगत 35 वर्षों से वैदिक ज्योतिष, अंक शास्त्र, एवं कर्मकांड में निपुण हैं।
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