Kundli Yog
संतान केवल एक परिवार की पूर्णता नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक सौभाग्य भी मानी जाती है। जब संतान प्राप्ति में बाधा आती है, तो पति-पत्नी मानसिक और सामाजिक रूप से प्रभावित होते हैं। वैदिक ज्योतिष इस विषय में आशा की किरण बन सकता है — क्योंकि जन्म कुंडली में संतान योग स्पष्ट संकेत देते हैं कि संतान कब, कैसे और कितनी होगी।
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1. पंचम भाव: संतान सुख का केंद्र
कुंडली का पंचम भाव संतान, बुद्धि, प्रेम और पूर्व जन्म के पुण्य कर्मों का प्रतिनिधित्व करता है। इस भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति और पंचमेश (पंचम भाव का स्वामी) की मजबूती संतान योग को दर्शाती है।
मुख्य संकेत:
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2. संतान का कारक ग्रह: गुरु और शुक्र की भूमिका
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3. शनि, राहु और केतु से बनते हैं संतान बाधा योग
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4. नवांश और सप्तमांश कुंडली की भूमिका
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5. संतान प्राप्ति के ज्योतिषीय उपाय
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6. शुभ दशा और गोचर से फलीभूत होता है संतान योग
केवल योग होना पर्याप्त नहीं होता, जब तक दशा या गोचर उसे फलित न करे।
जैसे:
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7. खास योग जो संतान को प्रतिभाशाली बनाते हैं
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प्रश्नोत्तर (FAQ):
Q1: कुंडली में कौन सा भाव संतान के लिए देखा जाता है?
Ans: पंचम भाव।
Q2: कौन से ग्रह संतान योग में मुख्य हैं?
Ans: गुरु (पुरुष), शुक्र (महिला), चंद्रमा।
Q3: क्या संतान सुख में बाधा का समाधान संभव है?
Ans: हाँ, वैदिक उपाय और ग्रहों की शांति से संभव है।
Q4: क्या संतान योग D-7 कुंडली में भी दिखते हैं?
Ans: हाँ, सप्तमांश कुंडली में स्पष्ट संकेत मिलते हैं।
Q5: संतान कब होगी, यह कैसे जाना जा सकता है?
Ans: गोचर और दशा के अनुसार यह निश्चित किया जा सकता है।
सारांश :–
यह लेख "कुंडली में संतान योग" विषय पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि जन्म कुंडली के पंचम भाव, गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति, शुभ और अशुभ योगों के आधार पर संतान प्राप्ति के योग कैसे पहचाने जा सकते हैं। पंचम भाव में स्थित ग्रह, पंचमेश की दशा, नवांश (D-9) और सप्तमांश (D-7) कुंडली का विश्लेषण संतान सुख के समय और प्रकृति का संकेत देता है। लेख में बताया गया है कि कैसे राहु, शनि या केतु जैसे ग्रह संतान में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं और किन शुभ दशा-गोचर में संतान सुख संभव होता है। साथ ही, संतान प्राप्ति के लिए आसान और प्रभावशाली वैदिक उपाय, मंत्र और व्रत भी सुझाए गए हैं। यह लेख उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो संतान सुख की प्रतीक्षा में हैं और ज्योतिषीय मार्गदर्शन से समाधान पाना चाहते हैं।
हमारे बारे में :–
भृगु ज्योतिष अनुसंधान केंद्र एक पारंपरिक और प्रमाणिक वैदिक ज्योतिष संस्थान है जहाँ आचार्य कृष्ण कुमार शास्त्री जी दशकों से कुंडली विश्लेषण और ज्योतिष उपायों के माध्यम से लोगों को संतान, विवाह, रोग, करियर और व्यापार में समाधान प्रदान कर रहे हैं।
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