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सांसारिक जीवन का मुख्य आधार व्यवसाय में उन्नति प्राप्त करना है। जो व्यक्ति अपने व्यवसायिक जीवन में सफलता प्राप्त कर लेता है वास्तव में वही सांसारिक सुख को प्राप्त करता है। बिना कारोबार के ना तो व्यक्ति को सम्मान मिलता है और ना ही व्यक्ति जीवन यापन कर सकता है। इसलिए वह अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रयत्न करता है कि आने वाले समय में अच्छी उन्नति करुंगा इसलिए वह अपने परिवार एवं सलाहकारों से सलाह लेता है कि यदि हम अपने कारोबार का नाम बदल दे तो क्या हमें कारोबार में सफलता मिल सकती है । नाम के प्रभाव को देखते हुए वह ज्योतिष शास्त्र का आश्रय लेकर उन्नति पाना चाहता है क्योंकि शास्त्रों में उल्लेख है कि अगर व्यवसाय का नाम कुण्डली के अनुसार किया जायेगा तो उस का परिणाम भी अच्छा मिलेगा। कारोबार को अच्छी उन्नति मिलेगी। यही कारण है कि वह अपनी राशि के अनुसार ही अपने कारोबार के नाम पर विचार करता है। आज हम जानेंगे कि क्या ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यवसाय का नाम रखने से कारोबार में अच्छी उन्नति हो सकती है। क्या कारोबार का चयन भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ही करना चाहिए। क्या इस से कारोबार में अधिक लाभ प्राप्त होगा सौभाग्य की प्राप्ति होगी आदि आदि।।
ज्योतिष के अनुसार कारोबार का चयन:-
जब हम कोई नया कार्य प्रारंभ करते हैं तो सर्वप्रथम अपनी कुंडली का विचार किया जाता है ज्यादातर लोग कारोबार विचार के लिए दशम भाव पर ध्यान देते हैं लेकिन कारोबार की सफलता के लिए जो ग्रह सबसे बलवान हो उच्च का हो और शुभ ग्रहों से दृष्टि युक्त होकर केंद्र अथवा त्रिकोण में विराजमान हो । उससे संबंधित कार्य करना चाहिए । जैसा कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर दशमेश शुक्र है तो आपको सफेद वस्तु,सेलर आदि का विचार करना चाहिए और यदि मंगल है तो आपको लाल वस्तु ,अग्नि संबंधित कार्य में सफलता मिलेगी यदि बुध है तो आप वाणिज्य करते हैं तो उसमें अच्छा लाभ मिलेगा यदि शनि है तो आप तेल या लोहे का कारोबार करते हैं तो उसमें सफलता मिलेगी आदि ! - लेकिन अगर दशमेश कमजोर नीच का होकर , पाप ग्रहों से युक्त अथवा दृष्ट हो कर त्रिक् में बैठा हो तो व्यक्ति को उस से संबन्धित कारोबार नहीं करना चाहिए अन्यथा कारोबार को बढ़ाने में मदद नहीं मिल सकती चाहे वह कितनी ही मेहनत क्यों न करें। कितना अच्छा व्यवहार कर लें और कितना ही पैसा, धन-दौलत लगा दें। परंतु उसके ग्रह उसके प्रतिकूल होने से उसे कारोबार में आगे नहीं बढ़ने देते। इसलिए कारोबार में उन्नति पाने के लिए व्यक्ति को पहले अपनी कुंडली का विचार अच्छी तरह से करवाना चाहिए कि उसे किस कार्य में सफलता प्राप्त होगी। फिर उस कार्य का अच्छे से अध्ययन करें । किसी विशेषज्ञ एवं सुयोग्य व्यक्ति के परामर्श से अगर कारोबार प्रारंभ किया जाता है तो व्यक्ति मानसिक रूप से तैयार हो कर कार्य करता है तो अवश्य ही उसे अपने जीवन में सफलता प्राप्त होगी। क्योंकि यह सारा संसार ही ग्रहों के अधीन है ग्रहों के अनुकूल होने से सभी अनुकूल हो जाता है। व्यक्ति कम मेहनत करने पर भी सफलता अधिक अर्जित करता है। कुंडली की ग्रह स्थिति ही व्यक्ति का जीवन सुखमय बनाती है और व्यक्ति दुविधा से मुक्ति प्राप्त करता है।
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कारोबार पर नाम का प्रभाव:-
कारोबार पर नाम का प्रभाव अधिक रहता है अगर कारोबार का नाम आपके जन्म नक्षत्र पर रखा जाए तो जन्म नक्षत्र का स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जब नाम नक्षत्र एवं कारोबार का नाम एक ही अक्षर पर होता है तो व्यक्ति अधिक उन्नति करता है । जैसा के दोस्तों हमें देखने के लिए मिलता है कि किसी व्यक्ति का कारोबार काफी लंबे समय से चल रहा है वह अच्छा धन अर्जित कर रहा है लेकिन किसी कारण वश उसके कारोबार में रुकावट आ जाती है फिर वह अपने कारोबार को चलाने के लिए ज्योतिषीय सलाह करता है और उसके अनुसार अपने कारोबार का नाम बदल देता है। जैसे कि हम आपको उदाहरण के तौर पर बताते हैं कि उसके कारोबार का नाम पहले कमल ट्रेडर्स था जब उन्नति प्राप्त हो रही थी जैसे ही संकट आया तो उसने अपना कारोबार के नाम को थोड़ा सा बदला उसने कमल के साथ एक के और लगा दी फिर उस का नाम के के ट्रेडर्स रख दिया । ऐसा करने से उस को ओर भी उन्नति प्राप्त हुई ! अब मैं आपको बताता हूं इसका क्या कारण है। जब एक अक्षर दो बार आता है तो उसके स्वामी का बल बढ़ जाता है और कारोबार में अच्छी उन्नति मिलती है। वर्ग के हिसाब से अगर कारोबार का नाम वैर वर्ग पर रखा जाए तो व्यक्ति कभी भी उन्नति को प्राप्त नहीं कर सकता । चंद्र कुंडली के अनुसार अगर मित्र ग्रह के नक्षत्र पर अथवा उच्च ग्रह के नक्षत्र पर कारोबार का नाम रखा जाता है तो व्यक्ति उन्नति को प्राप्त करता है । जब व्यक्ति का नाम उसके कारोबार से भिन्न होता है तो कारोबार का स्वामी और व्यक्ति के राशि का स्वामी अगर मित्र हैं तो आपको अच्छा फल प्रदान करेंगे लेकिन यदि शत्रु है और जन्म कुंडली में निकृष्ट स्थानों पर बैठे हैं तो निश्चय ही आपको हानि का सामना करना पड़ेगा । जैसे आपका नाम अशोक है और दुकान का नाम भी आप अ अक्षर से रखते हैं तो दोनों का स्वामी केतु होने से कारोबार में अच्छी उन्नति देगा । इसलिए कारोबार के नाम का प्रभाव अधिक होता है अगर वह कुंडली के अनुसार सुंदर एवं सरल हो तो उन्नति अच्छी मिलेगी । छोटा एवं सरल नाम लोगों के मन को भा जाता है इसलिए वह आपकी उन्नति में भी सहायक होता है।
सारांश:-
जब व्यक्ति ने कोई छोटा कारोबार करना है तो उसे अपने नाम अक्षर को प्रधान करके व्यवसाय करना चाहिए तो व्यक्ति निश्चय ही उन्नति को प्राप्त होता है । लेकिन यदि व्यक्ति ने कोई बड़ा बिजनेस बड़ा कारोबार या फैक्ट्री लगानी चाहता है तो उसमें कई बातों का ध्यान दिया जाता है जैसे ग्रहों की दशा अंतर्दशा वास्तु विचार एवं फैक्ट्री का नाम आदि इन सभी पहलुओं पर बड़ी गंभीरता से विचार करना चाहिए । जब व्यक्ति अपना कारोबार प्रारंभ करता है तो उसे अपनी जन्म कुंडली के अनुसार शुभ ग्रहों की दिशा और दशा के अनुसार अपने कारोबार का नाम करण करना चाहिए । वर्गोत्तम नाम अधिक श्रेष्ठ रहता है । जब व्यवसाय का नाम और व्यक्ति का नाम एक ही नक्षत्र पर होता है तो व्यक्ति अधिक उन्नति करता है इसलिए अपने कारोबार को अच्छी प्रकार से चलाने के लिए अपने कारोबार का नाम सरल एवं शास्त्र सम्मत हो तो व्यक्ति अच्छी उन्नति को प्राप्त करता है । अधिक जानकारी के लिए आप हमारे कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं । धन्यवाद।।