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अंक ज्योतिष मेंं प्रत्येक अंक के स्वामी के अनुसार व्यक्ति में गुण और दोष पायें जातें हैं। जब हम दो अंक की बात करते हैं तो दो अंक का स्वामी चन्द्रमा है जो सूर्य से प्रकाशित होता है। ठीक उसी प्रकार दो अंक वाले व्यक्ति भी दूसरे के सुझाव अनुसार चलने वाले होते हैं। इन में आत्मविश्वास की कमी होती है इसलिए यह दूसरे से परामर्श ले कर ही अपने कार्य को सम्पन्न करते हैं। जब व्यक्ति का भाग्य अंक या मूल अंक दो होता है तो उन में प्राय: यह लक्षण पाए जाते हैं अब हम विस्तार से जानेंगे कि दो अंक वालों का स्वभाव, शिक्षा, कारोबार, नौकरी, वैवाहिक जीवन सन्तान एवं स्वास्थ्य कैसा होता है ।
स्वभाव एवं स्वास्थ्य:- दो अंक का स्वामी चन्द्रमा होने के कारण यह सौम्य (नर्म) स्वभाव के सुन्दर मुखाकृति, लम्बे एवं पतले शरीर के होते हैं। यह संवेदनशील एवं दयालु होने के कारण प्रत्येक जीव जंतु से प्रेम करते हैं। भावुक हृदय होने से यह किसी को न तो दु:ख देते हैं और न किसी व्यक्ति को दुखी देख सकते हैं इसलिए यह प्रत्येक व्यक्ति के मन में निवास करते हैं। मन अस्थिर होने के कारण यह अपनी कथनी पर भी स्थिर नहीं रह सकते। दो अंक वाले व्यक्ति अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं। कम खाने के बाबजूद भी अक्सर अस्वस्थ रहते हैं। यह सोचते बहुत ज्यादा हैं। किसी की कही हुई बात को भूलते नहीं। हर समय वह अच्छी या बूरी बात इनके मन में घूमती रहती है इसलिए अपनी चिंता के कारण अपना शरीर बिगाड़ लेते हैं। इन्हें शारीरिक रोगों की अपेक्षा मानसिक रोग अधिक देखने को मिलते हैं। इन्हें निद्रा कम आती है शरीर को पूरा विश्राम ना मिलने के कारण शरीर थका-थका सा रहता है। लेकिन उच्चाभिलाषी होने के कारण यह कुछ पाने की होड़ में लगे रहते हैं। प्रायः लोगों के मन को जीतने का हुनर होने से अपना जीवन साधारण व्यतीत करते हैं। ये प्राय: (सादा खाना उच्च विचार जीवन के हैं दो आधार) के नियम को अपनाकर जीवन यापन करते हैं।
शिक्षा एवं व्यवसाय:- दो अंक वालों की बुद्धि बहुत तेज होती है इसलिए यह अच्छी शिक्षा प्राप्त करते हैं। विनम्र एवं गुणवत्तापूर्ण होने से विषय वस्तु को शीघ्र ग्रहण कर लेते हैं। यह महत्वाकांक्षी होते हैं। गरीब होने पर भी बड़ा आदमी बनना और उसके लिए अच्छी शिक्षा एवं मेहनत करना और उस में सफल होना इन की विशेषता होती है। इसलिए यह अपने कारोबार की अपेक्षा नौकरी को ज्यादा महत्व देते हैं। अगर किसी कारण नौकरी नहीं मिलती तो यह किसी के साथ हिस्सेदारी में बड़ा कारोबार करने के शौकीन होते हैं। अपनी मेहनत से अपने काम को अच्छी पोजीशन पर लेकर जाते हैं। जब यह अकेले ही कोई व्यवसाय करते हैं तो मनोबल की कमी के चलते या तो उसे बीच में ही छोड़ देते हैं या फिर अच्छा नुकसान खा लेते हैं। जब यह नौकरी करते हैं तो उन्नति और नाम दोनों पा लेते हैं। क्योंकि यह ईमानदार और निष्पक्ष होकर नौकरी करते हैं।
वैवाहिक जीवन एवं सुख:- प्रायः देखा गया है कि दो अंक वाले प्रेम के धनी होते हैं इसलिए इन का वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होता है। अगर यह किसी से प्रेम करते हैं तो जी जान से उसे निभाते हैं। आकर्षित मुखाकृति एवं व्यक्तित्व के कारण विपरीतलिंगी खिंचाव ज्यादा होता है। इसलिए इन के मित्र अधिक देखने में आतें हैं। नर्म स्वभाव के कारण संतान से व्यवहार अच्छा होने से सन्तान का सहयोग भी अच्छा प्राप्त होता है। यह व्यवसाय या नौकरी में व्यस्त होने पर भी परिवार को प्राप्त समय निकाल लेते हैं। अपने विवेक से बच्चों को हर सुख सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। इसलिए यह अच्छे जीवन साथी एवं अच्छे माता-पिता सिद्ध होते हैं।
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सारांश:- संक्षेप में हम कह सकते हैं की अंक ज्योतिष के अनुसार दो अंक वालों के उपरोक्त लक्षण पाए जाते हैं परंतु कई बार चंद्रमा के कमजोर होने के कारण लक्षणों में भिन्नता आ जाती है इसलिए आप अंक ज्योतिष के साथ-साथ वैदिक ज्योतिष का भी विश्लेषण करवाएं जब चंद्रमा नीच का होता है तब व्यक्ति के गुण -दोष में परिवर्तित हो जाते हैं इसलिए व्यक्ति अच्छे कार्य करने की अपेक्षा बुरे कार्यों की तरफ आकर्षित होता है यह निबंध अंक ज्योतिष के आंकड़ों के अनुसार है हम इसका अनुसरण करने को नहीं कहते आप अपने विवेक से कार्य करें विस्तार से जानने के लिए किसी योग्य ब्राह्मण का परामर्श ले अथवा आप हमारे केंद्र से संपर्क कर सकते हैं ।