2025 mein Bharat Pakistan Yudh ke Sanket: Jyotish Dristikon se Vishleshan

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वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जहां हर देश अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सजग है, वहीं भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव एक बार फिर चर्चा में है। इस तनाव के पीछे केवल राजनीतिक या सैन्य कारण ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय संकेत भी अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं। 2025 का वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि ग्रहों की चालें एक विशेष युद्ध योग का निर्माण कर रही हैं। इस लेख में हम ज्योतिषीय दृष्टि से इस संभावित युद्ध या टकराव की स्थिति का विश्लेषण करेंगे।


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1. मंगल-शनि दृष्टि: सैन्य टकराव का प्रमुख संकेत

मंगल को ज्योतिष में सेना, ऊर्जा और युद्ध का प्रतीक माना जाता है। वहीं शनि अनुशासन, बाधा और दीर्घकालिक संघर्ष का कारक है। जब ये दोनों ग्रह की दृष्टि में होते हैं, तब युद्ध, आक्रमण या सीमा पर सैन्य गतिविधियाँ बढ़ने की आशंका बनती है।

2025 के अप्रैल से जून के बीच मेष राशि में मंगल और कुंभ राशि में शनि की दृष्टि में रहेंगे, जो कि सीमा पर उग्रता, फायरिंग, या सैन्य झड़पों का संकेत देता है।



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2. राहु-केतु का गोचर: भ्रम, छल और आतंकी साजिशों का काल

राहु मीन राशि और केतु कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। यह अक्ष (Axis) गुप्त शत्रुओं, आतंकवाद, और धार्मिक विद्वेष से जुड़ा माना जाता है। ऐसे में भारत-पाक के बीच धार्मिक आधार पर बने तनाव और आतंकी गतिविधियाँ एक बार फिर उभर सकती हैं। यह गोचर भारत की स्वतंत्रता कुंडली के छटे (शत्रु) और द्वादश (विदेश) भाव को भी प्रभावित कर रहा है।


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3. ग्रहणों का प्रभाव: निर्णय और दबाव की घड़ी

14 मार्च को चंद्रग्रहण और 29 मार्च को पूर्ण सूर्यग्रहण — ये दोनों ग्रहण मीन-कन्या राशि में घटित होने से भारत और पाकिस्तान की राजनीति, जनता और सेनाओं पर गहरा असर पड़ सकता है। यह ग्रहण काल बड़े निर्णयों, अचानक हमलों या राजनीतिक परिवर्तन के लिए जाना जाता है।


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4. भारत की कुंडली पर प्रभाव

भारत की स्वतंत्रता कुंडली (15 अगस्त 1947,  दिल्ली) के अनुसार, इस समय शनि-राहु की दशा चल रही है। यह योग आंतरिक अस्थिरता, सीमा विवाद, वैश्विक दबाव और नीतिगत भ्रम का प्रतीक है। इसके साथ ही भारत के लग्न और सप्तम भाव पर राहु-केतु और शनि-मंगल का प्रभाव एवं गतिविधियों को बल देता है।



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5. संभावित परिणाम और सावधानियाँ

यह कहना कठिन है कि पूर्ण युद्ध होगा या नहीं, लेकिन सीमा पर टकराव, आतंकी घटनाएँ, सैन्य गतिविधियाँ और राजनीतिक तनाव निश्चित ही बढ़ेंगे।

भारत को इस काल में संयम, सटीक रणनीति और कूटनीतिक संतुलन की आवश्यकता होगी।


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प्रश्न-उत्तर


प्रश्न 1: 2025 में भारत-पाक के बीच युद्ध क्यों संभव है?

उत्तर: मंगल-शनि की दृष्टि, राहु-केतु का गोचर और ग्रहण प्रभाव युद्ध जैसे हालात बना रहे हैं।


प्रश्न 2: भारत की कुंडली पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर: शनि-राहु की दशा से आंतरिक अस्थिरता और बाहरी तनाव दोनों संभव हैं।


प्रश्न 3: क्या यह पूर्ण युद्ध होगा?

उत्तर: पूर्ण युद्ध नहीं, पर सीमित सैन्य टकराव और आतंकी घटनाएँ संभव हैं।


प्रश्न 4: कब तक यह स्थिति बनी रह सकती है?

उत्तर: अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच सबसे अधिक तनाव संभव है।


प्रश्न 5: भारत को क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तर: सुरक्षा, कूटनीति और खुफिया तंत्र को मजबूत करना आवश्यक होगा।


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सारांश

2025 का वर्ष ज्योतिषीय दृष्टि से भारत-पाक तनाव के लिए संवेदनशील है। मंगल पर शनि की दृष्टि, राहु-केतु का गोचर और ग्रहण काल — ये सभी ग्रह स्थिति तनाव, सैन्य गतिविधियों और संभावित झड़पों की ओर संकेत करते हैं। हालांकि पूर्ण युद्ध की संभावना कम है, परंतु यह काल सामरिक दृष्टि से अत्यधिक सजगता की मांग करता है।


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